केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) को निर्देश दिया है कि वह कक्षा 1 से 12 तक के छात्रों के लिए पाठ्यक्रम में सड़क सुरक्षा मॉड्यूल शामिल करे। इस पहल का उद्देश्य छात्रों में सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाना और सुरक्षित यातायात व्यवहार को प्रोत्साहित करना है।
🛣️ सड़क सुरक्षा मॉड्यूल की प्रमुख विशेषताएं:
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ऑडियो-विजुअल सामग्री: मॉड्यूल में ऑडियो-विजुअल संसाधनों का उपयोग किया जाएगा, जिससे छात्रों को यातायात नियमों और सड़क सुरक्षा के महत्व को समझने में मदद मिलेगी।MP Breaking News
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आयु और कक्षा के अनुसार अनुकूलन: मॉड्यूल को विभिन्न आयु समूहों और कक्षाओं के अनुसार तैयार किया जाएगा, ताकि यह छात्रों के लिए उपयुक्त और प्रभावी हो।MP Breaking News
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वैकल्पिक लेकिन क्रेडिट आधारित: यह कार्यक्रम वैकल्पिक होगा, लेकिन इसमें भाग लेने वाले छात्रों को क्रेडिट प्रदान किए जाएंगे।MP Breaking News
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शैक्षणिक सत्र 2025-26 से लागू: इस मॉड्यूल की शुरुआत आगामी शैक्षणिक सत्र 2025-26 से की जाएगी।MP Breaking News
🤝 सहयोगी संस्थाएं:
इस पहल को सफल बनाने के लिए शिक्षा मंत्रालय, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय, भारी उद्योग मंत्रालय, SIAM (Society of Indian Automobile Manufacturers) और अन्य हितधारकों के साथ मिलकर काम किया जाएगा।MP Breaking News
शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, “इस कार्यक्रम का उद्देश्य भारत में 20 करोड़ युवाओं के बीच सड़क सुरक्षा शिक्षा को बढ़ावा देना है।”MP Breaking News
सड़क सुरक्षा को पाठ्यक्रम में शामिल करने का निर्देश: कक्षा 1-12 के छात्रों के लिए NCERT को नई गाइडलाइंस
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने NCERT (राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद) को निर्देश दिया है कि वह कक्षा 1 से 12 तक के पाठ्यक्रम में “सड़क सुरक्षा” (Road Safety) से जुड़े मॉड्यूल्स शामिल करे। यह कदम भारत में बढ़ते सड़क हादसों और जागरूकता की कमी को देखते हुए उठाया गया है।
📌 प्रमुख बिंदु (Key Highlights)
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किस उम्र के छात्रों के लिए?
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प्राथमिक (कक्षा 1-5): सड़क सुरक्षा के बेसिक नियम (जैसे जेब्रा क्रॉसिंग, ट्रैफिक लाइट्स)।
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मिडिल (कक्षा 6-8): साइकिल/स्कूटी चलाते समय सावधानियाँ, हेलमेट का उपयोग।
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सेकेंडरी (कक्षा 9-12): ड्राइविंग लाइसेंस, यातायात नियमों की विस्तृत जानकारी।
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कैसे पढ़ाया जाएगा?
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इंटरएक्टिव एक्टिविटीज (रोल-प्ले, क्विज़, वीडियो)।
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ट्रैफिक पार्क्स में प्रैक्टिकल ट्रेनिंग।
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सामाजिक विज्ञान और विज्ञान विषयों में इंटीग्रेटेड कंटेंट।
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क्यों जरूरी है यह कदम?
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WHO के अनुसार, भारत में हर साल 1.5 लाख+ लोग सड़क दुर्घटनाओं में मारे जाते हैं।
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18 साल से कम उम्र के 40% बच्चे यातायात नियमों से अनजान।
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अगला स्टेप क्या है?
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NCERT 3 महीने के भीतर नया पाठ्यक्रम तैयार करेगा।
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CBSE और राज्य बोर्ड्स को भी इसी मॉडल को फॉलो करने की सलाह दी जाएगी।
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🚦 सड़क सुरक्षा के 5 गोल्डन रूल्स (छात्रों के लिए)
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हमेशा जेब्रा क्रॉसिंग का इस्तेमाल करें।
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साइकिल/बाइक चलाते समय हेलमेट पहनें।
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सड़क पार करते समय मोबाइल या हेडफोन न इस्तेमाल करें।
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स्कूल बस से उतरते समय सावधानी बरतें।
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अपने माता-पिता को भी नियमों की याद दिलाएँ (जैसे न ड्रिंक एंड ड्राइव)।
📢 अभिभावकों और शिक्षकों के लिए सुझाव
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बच्चों को वॉकिंग/साइकिलिंग ट्रिप्स पर नियम सिखाएँ।
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स्कूल असेंबली में सड़क सुरक्षा पर चर्चा करें।
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पुलिस-स्कूल कॉलैबोरेशन से जागरूकता सेशन आयोजित करवाएँ।
🔗 संबंधित लिंक्स (Official Links)
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NCERT Website: https://ncert.nic.in
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Ministry of Education Notice: https://www.education.gov.in
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Road Safety NGO (SaveLIFE Foundation): https://www.savelifefoundation.org
🔗 Important Links & Keywords for “Road Safety in NCERT Curriculum”
📌 Official Links:
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NCERT Official Website – https://ncert.nic.in (Check for syllabus updates)
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Ministry of Education (MoE) Notice – https://www.education.gov.in (Govt. guidelines)
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Road Safety NGO (SaveLIFE Foundation) – https://www.savelifefoundation.org (Educational resources)
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WHO India Road Safety Report – https://www.who.int/india/health-topics/road-safety (Accident statistics)