आज, 17 अप्रैल 2025 को, सुप्रीम कोर्ट में वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई हो रही है। मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना की अध्यक्षता में तीन-न्यायाधीशों की पीठ इस मामले की सुनवाई कर रही है।
मुख्य बिंदु:
-
याचिकाएं और याचिकाकर्ता: इस अधिनियम के खिलाफ 70 से अधिक याचिकाएं दायर की गई हैं, जिनमें AIMIM नेता असदुद्दीन ओवैसी, कांग्रेस सांसद मोहम्मद जावेद, DMK, CPI, और ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड शामिल हैं। Hindustan Times
-
सीजेआई की टिप्पणियां: मुख्य न्यायाधीश ने ‘वक्फ बाय यूज़र’ की अवधारणा को हटाने पर चिंता व्यक्त की, यह कहते हुए कि “आप अतीत को फिर से नहीं लिख सकते।” उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि दिल्ली उच्च न्यायालय की इमारत वक्फ संपत्ति पर बनी है, जिससे इस मुद्दे की जटिलता उजागर होती है। www.ndtv.com
-
केंद्र की दलीलें: केंद्र सरकार ने तर्क दिया कि ‘वक्फ बाय यूज़र’ की अवधारणा को हटाने से पारदर्शिता बढ़ेगी और वक्फ संपत्तियों के दुरुपयोग को रोका जा सकेगा। सरकार का मानना है कि यह संशोधन वक्फ संपत्तियों के बेहतर प्रबंधन और जवाबदेही सुनिश्चित करेगा।
-
अंतरिम आदेश: सुप्रीम कोर्ट ने अभी तक कोई अंतरिम आदेश पारित नहीं किया है और सुनवाई कल भी जारी रहेगी। Hindustan Times
वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 के प्रमुख प्रावधान:
-
‘वक्फ बाय यूज़र’ की समाप्ति: अब केवल वही संपत्तियाँ वक्फ मानी जाएंगी जो विधिवत रूप से पंजीकृत हैं।
-
महिलाओं का प्रतिनिधित्व: केंद्रीय वक्फ परिषद और राज्य वक्फ बोर्डों में कम से कम दो मुस्लिम महिलाओं का प्रतिनिधित्व अनिवार्य किया गया है।
-
सभी मुस्लिम संप्रदायों का समावेश: शिया, सुन्नी, बोहरा, आगा खानी और अन्य पिछड़े वर्गों के मुस्लिम समुदायों का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित किया गया है।
-
पंजीकरण और लेखा परीक्षा: वक्फ संपत्तियों के पंजीकरण, लेखा परीक्षा और खातों के लिए केंद्रीय सरकार को नियम बनाने का अधिकार दिया गया है।
-
अपील प्रक्रिया: वक्फ न्यायाधिकरणों के निर्णयों के खिलाफ उच्च न्यायालय में 90 दिनों के भीतर अपील की जा सकती है। Wikipedia
निष्कर्ष:
सुप्रीम कोर्ट में चल रही यह सुनवाई वक्फ अधिनियम के भविष्य और मुस्लिम समुदाय के अधिकारों पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकती है। अदालत की टिप्पणियां और केंद्र की दलीलें इस मुद्दे की जटिलता को दर्शाती हैं। सुनवाई कल भी जारी रहेगी, और अंतिम निर्णय आने तक स्थिति स्पष्ट नहीं होगी।
वक्फ संशोधन कानून पर सुप्रीम कोर्ट की आज सुनवाई: क्या हो सकता है?
सुप्रीम कोर्ट (SC) आज वक्फ संशोधन कानून (Waqf Amendment Act) पर एक महत्वपूर्ण सुनवाई करेगा, जिसमें मुख्य न्यायाधीश (CJI) ने केंद्र सरकार से कड़े सवाल किए हैं।** यह मामला वक्फ बोर्ड की बढ़ी हुई शक्तियों और संपत्ति अधिकारों से जुड़ा है, जिस पर कई याचिकाएँ दायर की गई हैं।
मामले की मुख्य बहस (Key Issues in the Case)
1. वक्फ संशोधन कानून क्या बदलता है?
- वक्फ बोर्ड को अधिक अधिकार देता है, जिससे वह किसी भी संपत्ति को वक्फ (धार्मिक/चैरिटेबल संपत्ति) घोषित कर सकता है।
- नागरिकों के संपत्ति अधिकारों पर सवाल उठे हैं, क्योंकि बिना मालिक की सहमति के भी संपत्ति पर दावा किया जा सकता है।
- लैंड डिस्प्यूट केस में वक्फ बोर्ड की भूमिका बढ़ गई है।
2. CJI के कड़े सवाल
- “क्या यह कानून संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन करता है?”
- “क्या सरकार किसी भी संपत्ति को वक्फ घोषित कर सकती है?”
- “क्या यह कानून अल्पसंख्यकों को ज़्यादा तवज्जो देता है?”
3. केंद्र सरकार की दलीलें
- “वक्फ बोर्ड का उद्देश्य धार्मिक और सामाजिक कल्याण है।”
- “यह कानून अवैध कब्ज़ों को रोकने के लिए है।”
- “संपत्ति मालिकों को कानूनी प्रक्रिया का अधिकार पहले जैसा ही रहेगा।”
आगे क्या हो सकता है? (Possible Outcomes)
1. कानून पर रोक (Stay on the Law)
- अगर SC को लगता है कि यह संविधान के मूल अधिकारों (Fundamental Rights) का उल्लंघन करता है, तो वह कानून पर रोक लगा सकता है।
2. कुछ प्रावधानों में बदलाव (Modifications in the Act)
- कोर्ट वक्फ बोर्ड की शक्तियों को सीमित करने का आदेश दे सकता है।
- संपत्ति मालिकों के अधिकारों को मजबूत करने के निर्देश दिए जा सकते हैं।
3. कानून को हरी झंडी (Law Upheld)
- अगर सरकार की दलीलें मजबूत साबित होती हैं, तो SC कानून को जारी रखने की अनुमति दे सकता है।
क्यों है यह मामला महत्वपूर्ण?
- संपत्ति अधिकारों पर सीधा असर – क्या सरकार या वक्फ बोर्ड किसी की ज़मीन पर दावा कर सकता है?
- धर्मनिरपेक्षता बनाम अल्पसंख्यक अधिकार – क्या यह कानून संतुलन बिगाड़ रहा है?
- भविष्य में और कानूनों पर असर – अगर यह कानून पास होता है, तो क्या अन्य समुदाय भी ऐसी मांग करेंगे?
आज क्या देखना होगा?
- क्या CJI केंद्र की दलीलों से संतुष्ट होंगे?
- क्या SC कोई अंतरिम आदेश (Interim Order) देगा?
- क्या वक्फ कानून का भविष्य आज तय होगा?
यह केस न सिर्फ़ कानूनी बहस, बल्कि देश के धर्मनिरपेक्ष ढाँचे की परीक्षा है।
और पढ़ें (Read More):
- आज तक (Latest Updates) – AajTak.in
- द हिंदू (Legal Analysis) – TheHindu.com
- Live Law (Court Proceedings) – LiveLaw.in