भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को वीर सावरकर के बारे में उनकी टिप्पणियों पर चेतावनी दी है। न्यायालय ने कहा कि वह किसी को भी ऐतिहासिक व्यक्तित्वों के बारे में अवमानना फैलाने की अनुमति नहीं देगा।
यह चेतावनी एक मामले की सुनवाई के दौरान आई, जहां राहुल गांधी पर सावरकर के बारे में आपत्तिजनक बयान देने के लिए याचिका दायर की गई थी। न्यायालय ने कहा कि ऐतिहासिक शख्सियतों की गरिमा का सम्मान किया जाना चाहिए और राजनीतिक बहस में उनके चरित्र पर अनुचित टिप्पणियां नहीं की जानी चाहिए।
हालांकि, अदालत ने इस मामले में कोई औपचारिक नोटिस जारी नहीं किया, लेकिन यह स्पष्ट कर दिया कि वह ऐसी टिप्पणियों को गंभीरता से लेगी। राहुल गांधी ने पहले भी वीर सावरकर पर विवादित बयान दिए हैं, जिस पर भाजपा और अन्य दक्षिणपंथी समूहों ने आपत्ति जताई थी।
सावरकर को हिंदुत्व विचारधारा के प्रमुख प्रवर्तकों में से एक माना जाता है, और उनके बारे में राजनीतिक बहस अक्सर गर्म हो जाती है। सर्वोच्च न्यायालय की यह टिप्पणी राजनीतिक नेताओं को ऐतिहासिक व्यक्तियों के प्रति संवेदनशील रवैया अपनाने की याद दिलाती है।
राहुल गांधी द्वारा वीर सावरकर पर की गई टिप्पणी को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कोई चेतावनी नहीं दी है। हालांकि, इस मामले में उन्हें लखनऊ की एक अदालत से समन जारी हुआ है।Hindustan Hindi News
लखनऊ कोर्ट का समन
13 दिसंबर 2024 को लखनऊ की एक स्थानीय अदालत ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को 10 जनवरी 2025 को पेश होने के लिए समन जारी किया। यह समन नवंबर 2022 में भारत जोड़ो यात्रा के दौरान महाराष्ट्र के अकोला में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में वीर सावरकर को “ब्रिटिश का सेवक” और “पेंशनधारी” कहने के आरोप में जारी किया गया। अदालत ने पाया कि गांधी की टिप्पणियाँ समाज में नफरत और वैमनस्य फैलाने वाली थीं, और उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 153A (समूहों के बीच वैमनस्य को बढ़ावा देना) और 505 (सार्वजनिक उपद्रव) के तहत मामला बनता है।
पुणे कोर्ट में स्थायी छूट
इससे पहले, पुणे की एक विशेष अदालत ने राहुल गांधी को वीर सावरकर के खिलाफ मानहानि मामले में व्यक्तिगत पेशी से स्थायी छूट दी थी। अदालत ने यह निर्णय गांधी की जेड-प्लस सुरक्षा और विपक्ष के नेता के रूप में उनकी व्यस्तताओं को ध्यान में रखते हुए लिया। यह मामला सावरकर के एक रिश्तेदार द्वारा दायर किया गया था, जिसमें गांधी पर मार्च 2023 में लंदन में दिए गए भाषण में सावरकर के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणियाँ करने का आरोप था। Hindustan Hindi News
निष्कर्ष
हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी को वीर सावरकर पर की गई टिप्पणियों के लिए कोई चेतावनी नहीं दी है, लेकिन लखनऊ की अदालत ने उन्हें समन जारी किया है और पुणे की अदालत ने उन्हें व्यक्तिगत पेशी से स्थायी छूट प्रदान की है। यह मामला अभी न्यायिक प्रक्रिया में है, और आगे की सुनवाईयों में स्थिति स्पष्ट होगी।
🔗 Useful Links:
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Times of India (Lucknow Court Summons Rahul Gandhi)
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Live Hindustan (Pune Court Grants Exemption)
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