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फ्रांस से 26 राफेल मरीन लड़ाकू विमान खरीदने के लिए मेगा डील मंजूर, भारतीय नौसेना की बढ़ेगी ताकत

भारत और फ्रांस के बीच 26 राफेल मरीन लड़ाकू विमानों की मेगा डील को मंजूरी मिल गई है, जिससे भारतीय नौसेना की ताकत में महत्वपूर्ण वृद्धि होगी।

डील का विवरण

रणनीतिक महत्व

यह सौदा हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भारत की समुद्री शक्ति को मजबूत करेगा, विशेषकर चीन की बढ़ती उपस्थिति के मद्देनज़रराफेल मरीन विमान मल्टीरोल क्षमताओं से लैस हैं, जो हवा से हवा और हवा से सतह पर हमलों में सक्षम हैं।ABP News+1ETV Bharat News+1

स्वदेशीकरण और तकनीकी समावेश

भारत ने फ्रांस से इन विमानों में स्वदेशी हथियार प्रणाली, जैसे ‘अस्त्र’ और ‘रुद्रम’ मिसाइलें, शामिल करने का अनुरोध किया हैइसके अलावा, भारतीय वायुसेना के 36 राफेल विमानों में हवा में ईंधन भरने की तकनीक और अन्य उन्नयन भी शामिल किए जाएंगे ।​NDTV IndiaHindusthan Post

भविष्य की योजनाएं

भारतीय नौसेना अगले दशक में 96 जहाजों और पनडुब्बियों को शामिल करने की योजना बना रही है, जिसमें फ्रांस के साथ 3 स्कॉर्पीन पनडुब्बियों की डील भी अंतिम चरण में है ।​ETV Bharat News+1ABP News+1

यह डील भारत की समुद्री सुरक्षा और स्वदेशी रक्षा उत्पादन क्षमताओं को नई ऊंचाइयों तक ले जाने में सहायक होगी

भारतीय नौसेना की समुद्री सुरक्षा क्षमताओं को मजबूत करने के लिए भारत सरकार ने फ्रांस से 26 राफेल मरीन (Rafale-M) लड़ाकू विमानों की खरीद के लिए एक मेगा डील को मंजूरी दे दी है। यह सौदा भारत-फ्रांस रक्षा साझेदारी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और इससे भारतीय नौसेना की वायु शक्ति में भारी बढ़ोतरी होगी।

डील के प्रमुख बिंदु:

  • 26 राफेल-M विमान: इनमें 22 एकल-सीटर (Rafale-M) और 4 दोहरे-सीटर (Rafale-BM) ट्रेनर संस्करण शामिल हैं।
  • विमानवाहक पोतों के लिए अनुकूलित: ये विमान INS विक्रांत और भविष्य के विमानवाहक पोतों पर तैनात किए जाएंगे।
  • फ्रांस के साथ स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप: यह डील भारत और फ्रांस के बीच रक्षा सहयोग को और गहरा करेगी।
  • मेक इन इंडिया का रोडमैप: सौदे में टेक्नोलॉजी ट्रांसफर और भारतीय उद्योगों की भागीदारी पर भी चर्चा हो रही है।

भारतीय नौसेना को क्या फायदा होगा?

  • चीन और पाकिस्तान के खिलाफ बढ़त: राफेल-M की लंबी रेंज और एडवांस्ड इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर क्षमताओं से हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भारत की नौसैनिक ताकत बढ़ेगी।
  • मिग-29K का विकल्प: ये विमान नौसेना के पुराने मिग-29K को धीरे-धीरे रिप्लेस करेंगे।
  • 5वीं पीढ़ी की टेक्नोलॉजी: राफेल-M में AESA रडार, स्पेक्ट्रा इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सिस्टम और SCALP/मेटियर मिसाइलों की क्षमता है।

अगले कदम:

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