हैदराबाद में खजागुड़ा तालाब (जिसे पेड्डा चेरुवु भी कहा जाता है) शहर के अंतिम शेष हरित क्षेत्रों में से एक है, जो तेजी से शहरीकरण, अतिक्रमण और प्रदूषण के कारण संकट में है।
खजागुड़ा तालाब का महत्व
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ऐतिहासिक विरासत: 1897 में निर्मित यह तालाब कभी 618 एकड़ में फैला हुआ था और आसपास के क्षेत्रों को सिंचाई जल प्रदान करता था। हालांकि, अब यह केवल 37 एकड़ में सिमट गया है। Wikipedia
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जैव विविधता और पर्यटन: यह तालाब पक्षियों, सरीसृपों और अन्य जीवों का आवास है। इसके किनारे पर “स्टैच्यू ऑफ एम्प्टीनेस” जैसी कलाकृतियाँ स्थापित की गई हैं, जो इसे एक आकर्षक पर्यटन स्थल बनाती हैं।
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खजागुड़ा हिल्स: तालाब के दक्षिण में स्थित खजागुड़ा हिल्स (फखरुद्दीन गुट्टा) 2.5 अरब वर्ष पुराने ग्रेनाइट संरचनाओं से बने हैं, जो भूवैज्ञानिक और सांस्कृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं। Wikipedia
संकट के कारण
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अतिक्रमण और निर्माण कार्य: निर्माण कंपनियों द्वारा तालाब क्षेत्र में अतिक्रमण और सड़क निर्माण के कारण इसका आकार घटता जा रहा है।
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प्रदूषण: तालाब में सीवेज और कचरे का निर्वहन हो रहा है, जिससे इसकी जल गुणवत्ता और पारिस्थितिकी तंत्र प्रभावित हो रहा है। Wikipedia
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जल गुणवत्ता: 2017 के एक अध्ययन में तालाब के जल में नाइट्रेट स्तर 33mg/L पाया गया, जो पीने के पानी के लिए अनुमेय सीमा (10.16mg/L) से तीन गुना अधिक है। Wikipedia
संरक्षण प्रयास
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एनजीओ और कॉर्पोरेट सहयोग: “सेव अवर अर्बन लेक्स” जैसे एनजीओ और वेल्स फारगो, यूनाइटेड वे ऑफ हैदराबाद, और विप्रो जैसी कंपनियाँ तालाब के पुनरुद्धार में सक्रिय हैं। Wikipedia
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सरकारी पहल: मार्च 2023 में, तेलंगाना सरकार ने “लेक डेवलपमेंट प्रोग्राम” के तहत खजागुड़ा तालाब सहित 50 जल निकायों के पुनरुद्धार की योजना शुरू की। Wikipedia
निष्कर्ष
खजागुड़ा तालाब हैदराबाद की प्राकृतिक, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक है। इसके संरक्षण के लिए सामूहिक प्रयास आवश्यक हैं, ताकि आने वाली पीढ़ियाँ भी इस हरित क्षेत्र का लाभ उठा सकें।
EXPLAINER: हैदराबाद अपने आखिरी हरे क्षेत्र को बचाने की कोशिश क्यों कर रहा है?
हैदराबाद, जो अपनी तेजी से हो रही अर्बनाइजेशन (शहरीकरण) और IT हब के रूप में विकास के लिए जाना जाता है, अब अपने आखिरी बचे हरे इलाकों (Green Cover) को बचाने की जंग लड़ रहा है। शहर का “हैदराबाद रॉक एरिया” (Hyderabad Rock Area), जिसे खास पहाड़ियों और जंगली क्षेत्रों के लिए जाना जाता है, अब बिल्डर्स और इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स के चंगुल में फंस चुका है।
हैदराबाद में हरियाली क्यों खत्म हो रही है?
1. अनियंत्रित शहरीकरण (Uncontrolled Urbanization)
- हैदराबाद देश के सबसे तेजी से बढ़ते शहरों में से एक है।
- IT कंपनियों, रियल एस्टेट और सड़क प्रोजेक्ट्स के लिए पहाड़ियों और जंगलों को काटा जा रहा है।
- Gachibowli, Madhapur, Financial District जैसे इलाके पहले हरियाली से भरे थे, लेकिन अब कंक्रीट के जंगल बन चुके हैं।
2. पहाड़ियों का अतिक्रमण (Encroachment of Hills)
- हैदराबाद की 400 से ज्यादा पहाड़ियाँ थीं, लेकिन अब सिर्फ कुछ दर्जन ही बची हैं।
- बिल्डर्स और अवैध कब्जों ने इन्हें नष्ट कर दिया है।
- राजीव गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे (RGIA) के विस्तार और मेट्रो प्रोजेक्ट्स ने भी हरियाली को नुकसान पहुँचाया है।
3. जलवायु परिवर्तन का खतरा (Climate Change Threat)
- हरियाली कम होने से शहर का तापमान बढ़ रहा है (Urban Heat Island Effect)।
- बाढ़ और भूजल स्तर में गिरावट जैसी समस्याएँ बढ़ रही हैं।
- पक्षियों और जानवरों की प्रजातियाँ विलुप्त हो रही हैं।
हैदराबाद कैसे बचा रहा है अपनी आखिरी हरियाली?
1. “सेव हाइड रॉक्स” (Save Hyd Rocks) मूवमेंट
- स्थानीय नागरिक और पर्यावरण कार्यकर्ता #SaveHydRocks अभियान चला रहे हैं।
- सोशल मीडिया और कोर्ट केस के जरिए सरकार पर दबाव बना रहे हैं।
2. हाईकोर्ट और सरकारी हस्तक्षेप
- तेलंगाना हाईकोर्ट ने कई पहाड़ियों पर अतिक्रमण रोकने के आदेश दिए हैं।
- राज्य सरकार ने कुछ इलाकों को “हरित क्षेत्र (Green Zone)” घोषित किया है।
3. नए नियम और जुर्माना
- पहाड़ियों को काटने पर भारी जुर्माना लगाया जा रहा है।
- नए बिल्डिंग प्रोजेक्ट्स को पर्यावरण मंजूरी (Environmental Clearance) लेना अनिवार्य हो गया है।
क्या होगा अगर हरियाली पूरी तरह खत्म हो गई?
- गर्मी और प्रदूषण बढ़ेगा।
- जैव विविधता (Biodiversity) खत्म हो जाएगी।
- शहर का सुंदर नज़ारा और ऐतिहासिक पहचान खो जाएगी।
क्या आप हैदराबाद की हरियाली बचाने में मदद कर सकते हैं?
- पेड़ लगाएँ, जल संरक्षण करें।
- अवैध कटाई की शिकायत करें (Forest Dept Helpline)।
- #SaveHydRocks जैसे अभियानों को सपोर्ट करें।
हैदराबाद की पहाड़ियाँ और जंगल सिर्फ़ भूमि नहीं, शहर की सांसें हैं! 🌿
और पढ़ें (Read More):
- The Hindu Hyderabad – https://www.thehindu.com/news/cities/Hyderabad/
- Deccan Chronicle (Hyderabad Environment News) – https://www.deccanchronicle.com
- Telangana Today – https://telanganatoday.com