मामले की मुख्य बातें
✔ मामला: महादेव बेटिंग ऐप से जुड़ा ₹6,000+ करोड़ का घोटाला
✔ आरोपी: भूपेश बघेल, अन्य नौकरशाह और ऐप संचालक
✔ आरोप:
- घूस लेकर ऐप को संरक्षण देना
- अवैध जुए के कारोबार को बढ़ावा
- सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग
✔ CBI की कार्रवाई: FIR दर्ज, जांच जारी
क्यों चर्चा में है यह मामला?
- छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव से पहले बड़ा खुलासा
- भूपेश बघेल पर पहली बार CBI ने सीधे आरोप लगाए
- ऐप के मालिकों ने बताया था कि “बड़े नेताओं को घूस दी गई”
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एफआईआर, जो मूल रूप से 4 मार्च 2024 को प्राप्त हुई थी, में आरोप लगाया गया है कि महादेव ऑनलाइन बुक अवैध रूप से सट्टेबाज़ी सेवाएं चला रहा है।
शिकायत में यह भी आरोप लगाया गया है कि अन्य वेबसाइट्स भी महादेव बेटिंग ऐप के प्रमोटरों के साथ मिलकर संचालित की जा रही हैं, जिनमें “स्काई एक्सचेंज” का नाम लिया गया है, जिसे कथित रूप से हरि शंकर टिबरेवाल द्वारा महादेव ऑनलाइन बुक के साथ मिलकर चलाया जा रहा है।
शिकायत में यह भी कहा गया है कि महादेव प्लेटफ़ॉर्म विभिन्न “लाइव गेम्स” जैसे पोकर, कार्ड गेम्स, चांस गेम्स, और खेलों पर सट्टा लगवाने जैसी अवैध बेटिंग सेवाएं प्रदान करता है। यह ऐप पांच साल पहले, 2019-2020 के कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान तेजी से लोकप्रिय हुआ था।
संबंधित लिंक (External Links)
🔗 CBI की आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति
🔗 महादेव ऐप घोटाले की पूरी टाइमलाइन (द हिंदू)
🔗 छत्तीसगढ़ सरकार की प्रतिक्रिया
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं
✅ भाजपा: “कांग्रेस की भ्रष्ट सरकार का असली चेहरा सामने आया!”
❌ कांग्रेस: “यह मोदी सरकार की राजनीतिक साजिश है!”
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