“दोषियों को न्याय के कटघरे में लाया जाए”

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) ने जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी 2019 को हुए आत्मघाती हमले की कड़ी निंदा की, जिसमें 40 से अधिक भारतीय अर्धसैनिक बलों के जवान शहीद हुए थे। इस हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली थी।

UNSC के वक्तव्य में कहा गया:

“सुरक्षा परिषद के सदस्य जम्मू और कश्मीर में हुए इस घृणित और कायराना आत्मघाती हमले की कड़े शब्दों में निंदा करते हैं, जिसमें 40 से अधिक भारतीय अर्धसैनिक बलों के जवान मारे गए और कई घायल हुए।”

सुरक्षा परिषद ने इस हमले के दोषियों, योजनाकारों, वित्तपोषकों और समर्थकों को न्याय के कटघरे में लाने की आवश्यकता पर बल दिया और सभी देशों से भारत सरकार और अन्य संबंधित अधिकारियों के साथ सक्रिय सहयोग करने का आग्रह किया।

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने भी इस हमले की कड़ी निंदा की और दोषियों को न्याय के कटघरे में लाने की मांग की।

यह अंतरराष्ट्रीय समुदाय की ओर से आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता और न्याय सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता का संकेत है।

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संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) ने जम्मू और कश्मीर के पुलवामा जिले में 14 फरवरी 2019 को हुए आत्मघाती हमले की कड़ी निंदा की है, जिसमें 40 से अधिक भारतीय अर्धसैनिक बलों के जवान मारे गए और दर्जनों घायल हुए। इस हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली थी।

UNSC ने इस “घृणित और कायराना” हमले की निंदा करते हुए कहा कि आतंकवाद के सभी रूप और अभिव्यक्तियाँ अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा हैं। परिषद ने इस बात पर जोर दिया कि इन “निंदनीय आतंकवादी कृत्यों” के अपराधियों, आयोजकों, वित्तपोषकों और प्रायोजकों को न्याय के कटघरे में लाया जाना चाहिए। सभी सदस्य देशों से आग्रह किया गया कि वे अंतरराष्ट्रीय कानून और सुरक्षा परिषद के प्रासंगिक प्रस्तावों के तहत भारत सरकार और अन्य संबंधित अधिकारियों के साथ सक्रिय सहयोग करें।

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने भी इस हमले की कड़ी निंदा की और कहा कि अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत जवाबदेही सुनिश्चित करना आवश्यक है और आतंकवादी कृत्यों के अपराधियों को शीघ्र न्याय के दायरे में लाया जाना चाहिए।

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“दोषियों को न्याय के कटघरे में लाया जाए”: UN सुरक्षा परिषद ने जम्मू-कश्मीर हमले पर क्या कहा?

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) ने जम्मू-कश्मीर के पूनच जिले में हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा की है, जिसमें भारतीय सेना के चार जवान शहीद हुए थे। इस हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान-आधारित आतंकी संगठन Lashkar-e-Taiba (LeT) ने ली थी।

UNSC की प्रतिक्रिया के मुख्य बिंदे:

  1. हमले की निंदा: UNSC ने इसे “घृणित आतंकवादी हमला” बताया और शहीदों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की।

  2. दोषियों को सजा: परिषद ने जोर देकर कहा कि “इस हमले के दोषियों को न्याय के सामने लाया जाना चाहिए।”

  3. आतंकवाद की आलोचना: UNSC ने कहा कि आतंकवाद किसी भी रूप में “अस्वीकार्य और अमानवीय” है।

  4. पाकिस्तान पर अप्रत्यक्ष दबाव: हालांकि पाकिस्तान का नाम नहीं लिया गया, लेकिन LeT जैसे संगठनों को पनाह देने वाले देशों पर यह संदेश स्पष्ट था।

भारत और पाकिस्तान की प्रतिक्रिया:

  • भारत ने UNSC के बयान का स्वागत किया और कहा कि यह “पाकिस्तान-प्रायोजित आतंकवाद” को उजागर करता है।

  • पाकिस्तान ने अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन अतीत में वह ऐसे आरोपों से इनकार करता रहा है।

क्या यह बयान महत्वपूर्ण है?

  • हाँ, क्योंकि UNSC ने स्पष्ट रूप से आतंकवाद को लेकर भारत की चिंताओं को मान्यता दी है।

  • लेकिन, अभी तक कोई ठोस कार्रवाई (जैसे पाकिस्तान पर प्रतिबंध) नहीं हुई है।

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