मुख्य समाचार:
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने एरिज़ोना में रियो टिंटो (Rio Tinto) की विशाल कॉपर खदान परियोजना के लिए एक भूमि स्वैप (Land Swap) को मंजूरी देने का संकेत दिया है। यह फैसला स्थानीय मूल निवासी अमेरिकी जनजातियों, विशेषकर अपाचे (Apache) समुदाय के तीव्र विरोध के बावजूद लिया गया है, जो इस क्षेत्र को अपने पवित्र सांस्कृतिक स्थल के रूप में देखते हैं।
🔍 मुद्दे की पृष्ठभूमि:
- प्रोजेक्ट का महत्व:
- रिज़ॉल्यूशन कॉपर माइन (Resolution Copper Mine) नामक यह परियोजना अमेरिका की 25% कॉपर जरूरत को पूरा करेगी।
- रोजगार और अर्थव्यवस्था: 1,500+ नौकरियाँ और $60 बिलियन का आर्थिक लाभ।
- मूल निवासियों का विरोध:
- ओक फ्लैट (Oak Flat) नामक यह भूमि अपाचे जनजाति के लिए धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व रखती है।
- पर्यावरणीय चिंताएँ: खनन से जल स्रोत दूषित हो सकते हैं और पवित्र ग्रोटो (गुफाएँ) नष्ट हो सकती हैं।
- ट्रम्प vs. बाइडेन नीतियाँ:
- 2020 में, ट्रम्प प्रशासन ने इस स्वैप को अंतिम मंजूरी दी थी, लेकिन बाइडेन ने रोक लगा दी।
- अब ट्रम्प के दोबारा चुनाव जीतने की संभावना से परियोजना को नया जीवन मिला है।
⚠️ संभावित प्रभाव:
✅ समर्थकों के तर्क:
- अमेरिका चीन पर निर्भरता कम करेगा (कॉपर इलेक्ट्रिक वाहनों और रिन्यूएबल एनर्जी के लिए जरूरी)।
- स्थानीय अर्थव्यवस्था को बड़ा बढ़ावा।
❌ विरोधियों की चिंताएँ:
- आदिवासी अधिकारों का उल्लंघन (संयुक्त राष्ट्र ने भी चेतावनी दी है)।
- जैव विविधता को खतरा – यह क्षेत्र दुर्लभ वन्यजीवों का आवास है।
🌍 अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रिया:
- यूएन ने अमेरिका से आदिवासी सहमति (FPIC) का सम्मान करने को कहा।
- पर्यावरण संगठनों (जैसे Sierra Club) ने कानूनी लड़ाई जारी रखी है।
📌 महत्वपूर्ण लिंक्स:
- रियो टिंटो प्रोजेक्ट की आधिकारिक जानकारी
- अपाचे जनजाति का विरोध (Apache Stronghold)
- यूएन की रिपोर्ट आदिवासी अधिकारों पर
❓ अब क्या?
- क्या बाइडेन प्रशासन फिर से इस स्वैप को रोक पाएगा?
- क्या अदालतें आदिवासियों के पक्ष में हस्तक्षेप करेंगी?
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एरिज़ोना में रियो टिंटो और बीएचपी द्वारा प्रस्तावित ‘रेज़ोल्यूशन कॉपर’ खनन परियोजना के लिए एक विवादास्पद भूमि अदला-बदली को मंजूरी देने की योजना बनाई है। यह परियोजना अमेरिकी तांबे की मांग का 25% तक पूरा कर सकती है, लेकिन यह ओक फ्लैट नामक एक पवित्र स्थल को नष्ट कर देगी, जिसे सैन कार्लोस अपाचे जनजाति धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण मानती है। Reuters
🛢️ परियोजना का विवरण
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स्थान: ओक फ्लैट, टोंटो नेशनल फॉरेस्ट, एरिज़ोना।
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प्रस्तावित खनन विधि: ‘ब्लॉक केविंग’, जिससे सतह पर लगभग 2.8 किलोमीटर चौड़ा और 300 मीटर गहरा गड्ढा बन सकता है।
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कंपनियाँ: रियो टिंटो और बीएचपी।
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निवेश: अब तक $2 बिलियन से अधिक।Reuters
🧭 आदिवासी विरोध और कानूनी चुनौतियाँ
सैन कार्लोस अपाचे जनजाति और ‘अपाचे स्ट्रॉन्गहोल्ड’ समूह ने इस परियोजना का विरोध किया है, इसे धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन बताते हुए अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। हालांकि, एक संघीय न्यायाधीश ने इस भूमि स्थानांतरण को रोकने से इनकार कर दिया, यह कहते हुए कि सरकार को भूमि स्थानांतरित करने का अधिकार है। Al Jazeera
⚖️ पर्यावरणीय और सांस्कृतिक चिंताएँ
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पर्यावरणीय प्रभाव: खनन से ओक फ्लैट क्षेत्र में गहरा गड्ढा बन सकता है, जिससे स्थानीय पारिस्थितिकी तंत्र प्रभावित होगा।
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सांस्कृतिक महत्व: ओक फ्लैट अपाचे जनजाति के लिए धार्मिक और सांस्कृतिक रूप से महत्वपूर्ण है, जहाँ प्राचीन गुफा चित्र और पवित्र स्थल स्थित हैं।
🏛️ राजनीतिक परिप्रेक्ष्य
ट्रंप प्रशासन ने इस परियोजना को राष्ट्रीय खनिज सुरक्षा के हिस्से के रूप में देखा है, जबकि कई पर्यावरणीय और आदिवासी अधिकार समूहों ने इसका विरोध किया है। यह विवाद राष्ट्रपति चुनावों में भी एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन सकता है, जहाँ आदिवासी समुदायों के वोट महत्वपूर्ण होते हैं।
🔗 संबंधित समाचार लिंक
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Reuters: ट्रंप ने रियो टिंटो के लिए भूमि अदला-बदली को मंजूरी दी
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Al Jazeera: अमेरिकी न्यायाधीश ने एरिज़ोना में खनन के लिए भूमि स्थानांतरण को नहीं रोका
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हाल ही में, पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एरिज़ोना में रियो टिंटो और बीएचपी द्वारा प्रस्तावित ‘रेज़ोल्यूशन कॉपर’ खनन परियोजना के लिए एक विवादास्पद भूमि अदला-बदली को मंजूरी देने की योजना बनाई है। यह परियोजना अमेरिकी तांबे की मांग का 25% तक पूरा कर सकती है, लेकिन यह ओक फ्लैट नामक एक पवित्र स्थल को नष्ट कर देगी, जिसे सैन कार्लोस अपाचे जनजाति धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण मानती है।
🔗 संबंधित समाचार लिंक
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Reuters: ट्रंप ने रियो टिंटो के लिए भूमि अदला-बदली को मंजूरी दी
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The Times: ट्रंप टीम ने पवित्र अपाचे भूमि पर खनन परियोजना को मंजूरी दी
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AP News: अमेरिकी वन सेवा ने विवादित भूमि स्थानांतरण पर नोटिस जारी किया