ट्रंप की टैरिफ टीम की ‘त्रिमूर्ति’: पीटर, स्कॉट, हॉवर्ड जिनके आइडिया से हिल गई पूरी दुनिया
डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल के दौरान अमेरिकी व्यापार नीतियों में जो बड़े बदलाव आए, उनके पीछे एक शक्तिशाली टीम का हाथ था। पीटर नवारो, स्कॉट पॉल और हॉवर्ड शेल्टन—ये तीनों नाम ट्रंप की टैरिफ टीम की ‘त्रिमूर्ति’ के रूप में जाने जाते हैं। इनके सख्त आर्थिक निर्णयों ने न सिर्फ अमेरिका बल्कि पूरी दुनिया के व्यापार को प्रभावित किया।
कौन हैं ये तीनों और क्यों हैं चर्चा में?
1. पीटर नवारो: ट्रंप के ‘टैरिफ मैन’
पीटर नवारो, एक अर्थशास्त्री और ट्रंप के सलाहकार, को “टैरिफ मैन” के नाम से जाना जाता है। उन्होंने चीन के खिलाफ ट्रेड वॉर की रणनीति बनाई और स्टील-अल्युमीनियम पर टैरिफ लगाने में अहम भूमिका निभाई। उनका मानना था कि अमेरिका को “अनफेयर ट्रेड प्रैक्टिसेज” के खिलाफ सख्त कदम उठाने चाहिए।
2. स्कॉट पॉल: व्यापार नीति के जानकार
स्कॉट पॉल, अमेरिकन स्टील एलायंस के पूर्व प्रमुख, ने घरेलू उद्योगों को बचाने के लिए आयात शुल्क बढ़ाने की वकालत की। उनके प्रभाव से ही अमेरिका ने चीनी सामानों पर भारी टैरिफ लगाए, जिससे वैश्विक व्यापार में हलचल मच गई।
3. हॉवर्ड शेल्टन: रक्षा और व्यापार की रणनीति
हॉवर्ड शेल्टन ने रक्षा और व्यापार नीतियों को जोड़कर काम किया। उन्होंने चीन की टेक्नोलॉजी कंपनियों (जैसे हुआवे) पर प्रतिबंध लगाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
कैसे बदल दी दुनिया की व्यापार नीतियाँ?
इन तीनों के सुझावों ने:
✅ अमेरिका में “अमेरिका फर्स्ट” नीति को बढ़ावा दिया।
✅ चीन के साथ ट्रेड वॉर शुरू हुआ, जिससे वैश्विक अर्थव्यवस्था प्रभावित हुई।
✅ यूरोप, कनाडा और मैक्सिको जैसे देशों को भी टैरिफ का सामना करना पड़ा।
निष्कर्ष
ट्रंप की यह टैरिफ टीम न केवल अमेरिकी अर्थव्यवस्था, बल्कि पूरी दुनिया के व्यापारिक समीकरणों को बदलने वाली साबित हुई। अगर ट्रंप 2024 में फिर राष्ट्रपति बनते हैं, तो इन नीतियों का और विस्तार हो सकता है।
-
ट्रंप टैरिफ टीम की ‘त्रिमूर्ति’: पीटर, स्कॉट और हॉवर्ड – दुनिया को हिला देने वाली रणनीति के सूत्रधार
डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति कार्यकाल के दौरान अमेरिका की व्यापार नीतियों में बड़ा बदलाव देखा गया, खासकर टैरिफ (शुल्क) को लेकर। इस बदलाव के पीछे मुख्य रूप से तीन चेहरों की अहम भूमिका रही – पीटर नवारो, स्कॉट पार्निट्जर और हॉवर्ड विल्मर। इन्हें ट्रंप की “टैरिफ टीम की त्रिमूर्ति” कहा जाता है।
1. पीटर नवारो – आर्थिक राष्ट्रवाद के समर्थक
पीटर नवारो, हार्वर्ड-शिक्षित अर्थशास्त्री, व्हाइट हाउस में ट्रेड और मैन्युफैक्चरिंग पॉलिसी के डायरेक्टर थे। उन्होंने “डेथ बाय चाइना” जैसी किताब लिखी और अमेरिका-चीन व्यापार घाटे को राष्ट्रीय सुरक्षा का मसला बताया। ट्रंप के “अमेरिका फर्स्ट” एजेंडे में उनकी सोच ने गहरा असर डाला।
2. स्कॉट पार्निट्जर – ट्रेड एन्फोर्समेंट के एक्सपर्ट
स्कॉट का फोकस था – विदेशी कंपनियों द्वारा अमेरिकी व्यापार नियमों का उल्लंघन। उन्होंने ट्रेड एन्फोर्समेंट पर खास ध्यान दिया और चीन समेत कई देशों पर सख्त टैरिफ लगाने की सिफारिश की। वे ट्रंप प्रशासन के अंदरूनी “वार रूम” में चीन के खिलाफ रणनीति बनाने वाले प्रमुख लोगों में से थे।
3. हॉवर्ड विल्मर – लॉबीइस्ट से रणनीतिकार बने
हॉवर्ड विल्मर ने पहले एक लॉबीइस्ट के तौर पर काम किया था, लेकिन ट्रंप के कार्यकाल में वे बैकग्राउंड में रहकर व्यापारिक नीतियों के लिए कानूनी और रणनीतिक फ्रेमवर्क तैयार करते रहे। उन्होंने WTO (विश्व व्यापार संगठन) की आलोचना करते हुए ‘अमेरिका के हितों’ को प्राथमिकता देने की वकालत की।
-
इनकी रणनी
-
चीन पर भारी टैरिफ लगाए गए।
-
EU, कनाडा, मेक्सिको जैसे सहयोगियों पर भी शुल्क लगाए गए, जिससे वैश्विक बाजारों में उथल-पुथल मच गई।
-
वैश्विक सप्लाई चेन प्रभावित हुई।
-
अमेरिका-चीन ट्रेड वॉर छिड़ गया।
ट्रंप की टैरिफ पॉलिसी ने केवल अमेरिका ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था को झकझोर दिया। इसके पीछे पीटर, स्कॉट और हॉवर्ड जैसे रणनीतिकारों का दिमाग था, जिन्होंने ‘अमेरिका फर्स्ट’ को व्यापार नीति में तब्दील कर दिया।
-
-
ति का असर:
-
🔗 Internal Links (आंतरिक लिंक)
📌 परिभाषा:
जब एक ही वेबसाइट के एक पेज से दूसरे पेज पर लिंक किया जाता है, तो उसे इंटरनल लिंक कहते हैं।
✅ उदाहरण:
मान लो एक वेबसाइट है: www.myblog.com
अगर आप इस वेबसाइट के होमपेज से एक ब्लॉग पोस्ट (जैसे: www.myblog.com/article1)
पर लिंक देते हो, तो वो इंटरनल लिंक कहलाएगा।
🔍 लाभ:
-
वेबसाइट की नेविगेशन बेहतर होती है
-
यूज़र को ज्यादा जानकारी मिलती है
-
Google को साइट स्ट्रक्चर समझने में मदद मिलती है
-
SEO में मदद करता है
🌐 External Links (बाहरी लिंक)
📌 परिभाषा:
जब एक वेबसाइट से किसी दूसरी वेबसाइट पर लिंक किया जाता है, तो उसे एक्सटर्नल लिंक कहते हैं।
✅ उदाहरण:
अगर आपकी वेबसाइट पर एक लिंक है जो किसी न्यूज़ वेबसाइट या Wikipedia की ओर जाता है, तो वो एक्सटर्नल लिंक है
-