टैरिफ वॉर: ट्रंप ने फार्मा कंपनियों पर भारी टैरिफ का ऐलान किया, भारतीय दवा क्षेत्र को बड़ा झटका

टैरिफ वॉर: ट्रंप ने फार्मा कंपनियों पर भारी टैरिफ का ऐलान किया, भारतीय दवा क्षेत्र को बड़ा झटका.

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने वैश्विक व्यापार युद्ध (टैरिफ वॉर) को और तेज करते हुए फार्मास्युटिकल उत्पादों पर 25-30% अतिरिक्त टैरिफ लगाने की घोषणा की है। यह कदम विशेष रूप से भारतीय दवा कंपनियों के लिए चिंता का विषय बना हुआ है, क्योंकि अमेरिका भारतीय जेनेरिक दवाओं का सबसे बड़ा आयातक है।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप. (फाइल फोटो)

किन भारतीय कंपनियों को होगा सबसे ज्यादा नुकसान?

ट्रंप के इस फैसले से निम्नलिखित प्रमुख भारतीय फार्मा कंपनियों के निर्यात पर गंभीर असर पड़ सकता है:

विशेषज्ञों का मानना है कि इस टैरिफ के कारण भारतीय दवा कंपनियों की अमेरिकी बाजार में प्रतिस्पर्धात्मकता कमजोर होगी, जिससे उनके मुनाफे पर दबाव बढ़ सकता है।

अमेरिका ने क्यों लिया यह फैसला?

ट्रंप प्रशासन का दावा है कि यह कदम:

  • अमेरिकी फार्मा उद्योग को चीन और भारत से होने वाले “अनफेयर ट्रेड” से बचाने के लिए है।
  • अमेरिकी दवा निर्माताओं को स्थानीय स्तर पर रोजगार बढ़ाने में मदद करेगा।
  • चीन पर निर्भरता कम करने की रणनीति का हिस्सा है।

भारत की प्रतिक्रिया क्या हो सकती है?

  • भारत सरकार विश्व व्यापार संगठन (WTO) में इस मामले को उठा सकती है।
  • अमेरिकी कृषि और प्रौद्योगिकी उत्पादों पर प्रतिशोधात्मक टैरिफ लगाया जा सकता है।
  • भारतीय कंपनियां यूरोप और अन्य बाजारों में अपनी उपस्थिति बढ़ाकर नुकसान की भरपाई करने की कोशिश कर सकती हैं।

अन्य प्रभावित क्षेत्र:

  • मेडिकल डिवाइस निर्यातक
  • एपीआई (API) आपूर्तिकर्ता
  • बायोसिमिलर उत्पादक

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