ग्राउंड जीरो रिव्यू: एमरान हाशमी ने कश्मीर की ‘खामोशी और आक्रोश’ की प्रासंगिक कहानी को दिया नया आयाम
एमरान हाशमी अभिनीत फिल्म ‘ग्राउंड जीरो’ (2023) एक ऐसी दिल दहला देने वाली कहानी है जो कश्मीर घाटी में सामान्य नागरिकों के मन में छिपे दर्द, डर और गुस्से को बेहद संवेदनशील तरीके से पेश करती है। फिल्म न सिर्फ एक थ्रिलर-ड्रामा है, बल्कि कश्मीर के मानवीय संघर्ष को भी उजागर करती है।
फिल्म की मुख्य विशेषताएं:
✔️ एमरान हाशमी का शानदार अभिनय: वह एक आर्मी ऑफिसर (विक्रम शर्मा) की भूमिका में हैं, जो अपनी पत्नी (जो एक जर्नलिस्ट है) के रहस्यमयी हादसे की सच्चाई तलाशने कश्मीर आता है। उनकी एक्टिंग में दर्द, जुनून और आक्रोश साफ झलकता है।
✔️ कश्मीर का असली चेहरा: फिल्म “कश्मीर फाइल्स” या “हैदर” जैसी नहीं है, बल्कि यहाँ स्थानीय लोगों की मजबूरियाँ, उनका डर और उन पर थोपे गए माहौल को बिना पक्षपात के दिखाया गया है।
✔️ सस्पेंस और इमोशन का मिश्रण: कहानी में रहस्य, साजिश और भावनात्मक झटके हैं, जो दर्शकों को बांधे रखते हैं।
✔️ खामोशी की आवाज़: फिल्म का सबसे बड़ा मैसेज है – “कश्मीर में हर कोई चिल्लाना चाहता है, लेकिन डर के मारे खामोश रहता है।”
क्या फिल्म विवादास्पद है?
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कुछ लोग इसे “भारतीय सेना के प्रति नकारात्मक” बता सकते हैं, लेकिन असल में फिल्म किसी एक पक्ष को नहीं, बल्कि आम लोगों की पीड़ा को दिखाती है।
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यह आतंकवाद, सैन्य दमन और मीडिया की भूमिका जैसे मुद्दों को छूती है, लेकिन प्रोपेगैंडा नहीं बनती।
रेटिंग: 4/5 ⭐
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कमजोर पक्ष: कुछ दृश्य थोड़े धीमे हैं, और क्लाइमैक्स थोड़ा प्रेडिक्टेबल लग सकता है।
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मजबूत पक्ष: एमरान का एक्टिंग, कश्मीर की सुंदरता और कड़वी सच्चाई का मिश्रण फिल्म को यादगार बनाता है।
फाइनल वर्ड:
अगर आप कश्मीर की जटिल स्थिति को एक इंसानी नजरिए से समझना चाहते हैं, तो यह फिल्म जरूर देखें। यह सिर्फ मनोरंजन नहीं, बल्कि एक सोचने पर मजबूर करने वाली फिल्म है।
OTT पर उपलब्ध: फिल्म ZEE5 पर स्ट्रीम हो रही है।
‘ग्राउंड ज़ीरो’ एक सशक्त और संवेदनशील फिल्म है जो कश्मीर की जटिल वास्तविकताओं और एक बीएसएफ अधिकारी की वीरता को प्रभावी रूप से प्रस्तुत करती है। इस फिल्म में इमरान हाशमी ने बीएसएफ अधिकारी नरेंद्र नाथ धर दुबे की भूमिका निभाई है, जिन्होंने 2003 में आतंकवादी ग़ाज़ी बाबा को मार गिराने के लिए एक महत्वपूर्ण ऑपरेशन का नेतृत्व किया था।
🎬 फिल्म की मुख्य विशेषताएं:
वास्तविक घटनाओं पर आधारित कथा: यह फिल्म 2001 के संसद हमले और 2002 के अक्षरधाम हमले के मास्टरमाइंड ग़ाज़ी बाबा के खिलाफ बीएसएफ के ऑपरेशन पर केंद्रित है। India Today
इमरान हाशमी का प्रदर्शन: इमरान हाशमी ने नरेंद्र दुबे की भूमिका में संयमित और प्रभावशाली अभिनय किया है, जो एक सैनिक की मानसिकता और देशभक्ति को दर्शाता है।
निर्देशन और सिनेमैटोग्राफी: तेजस प्रभा विजय देओस्कर के निर्देशन में कश्मीर की सुंदरता और वहां की संवेदनशीलता को बारीकी से चित्रित किया गया है। The Times of India
संगीत और गीत: फिल्म के गीत ‘फतेह’, ‘सो लेने दे’ और ‘पहली दफा’ कहानी में भावनात्मक गहराई जोड़ते हैं।
🌟 समीक्षाएं और प्रतिक्रियाएं:
टाइम्स ऑफ इंडिया: “इमरान हाशमी इस वास्तविक जीवन पर आधारित बीएसएफ गाथा में चमकते हैं।” The Times of India
इंडिया टुडे: “फिल्म एक सैनिक की भावना, उसकी देशभक्ति और ‘संवेदनशील’ क्षेत्र में शांति की खोज के बारे में है।” India Today
इंडियन एक्सप्रेस: “फिल्म देशभक्ति और करुणा के बीच संतुलन बनाती है, जो इन तनावपूर्ण समय में आवश्यक है।” The Indian Express
कोइमोई: “इमरान हाशमी ने एक अनसुने नायक को श्रद्धांजलि दी है, देशभक्ति को प्रमुखता देते हुए।”
🏞️ कश्मीर में प्रीमियर:
‘ग्राउंड ज़ीरो’ पिछले 38 वर्षों में पहली फिल्म बनी है जिसका रेड कार्पेट प्रीमियर श्रीनगर, जम्मू और कश्मीर में हुआ। यह प्रीमियर 18 अप्रैल 2025 को हुआ था, जिसमें जवानों, बीएसएफ अधिकारियों और फिल्म की टीम ने भाग लिया। The Times of India
🔗 विश्वसनीय स्रोत (Trusted News Links):
📰 India Today Review:
“Ground Zero Review: Emraan Hashmi elevates relevant story of Kashmir’s silence, fury”
🔗 IndiaToday.in पर पढ़ें📰 Times of India Review:
“Ground Zero Movie Review: Emraan Hashmi delivers a solid performance in this powerful war drama”
🔗 TOI पर पढ़ें📰 The Indian Express Review:
“Emraan Hashmi’s gripping Kashmir drama strikes a balance in fraught times”
🔗 IndianExpress.com पर पढ़ें📰 Koimoi Review:
“Ground Zero Movie Review: A fitting tribute to an unsung hero”
🔗 Koimoi.com पर पढ़ें📰 TOI Live Blog (Release & Premiere Update):
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