कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने बुधवार, 16 अप्रैल 2025 को कलबुर्गी में आयोजित ‘कल्याण कर्नाटक रोजगार मेले’ के उद्घाटन के अवसर पर घोषणा की कि राज्य की बेरोजगारी दर केवल 2.5% है, जो भारत में सबसे कम है। AP Breaking News
कर्नाटक की बेरोजगारी दर: प्रमुख बिंदु
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मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने ‘पीरियॉडिक लेबर फोर्स सर्वे’ (PLFS) के आंकड़ों का हवाला देते हुए बताया कि कर्नाटक की बेरोजगारी दर 2.5% है, जबकि हरियाणा में 37.04%, राजस्थान में 28.5%, बिहार में 19.1% और महाराष्ट्र में 3% है। AP Breaking News
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उन्होंने कहा कि यह कम बेरोजगारी दर राज्य सरकार द्वारा युवाओं को रोजगार प्रदान करने के लिए उठाए गए सक्रिय कदमों का परिणाम है। The New Indian Express
युवाओं के लिए योजनाएं
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‘युवा निधि’ योजना के तहत, डिग्री धारक बेरोजगार युवाओं को ₹3,000 प्रति माह और डिप्लोमा धारकों को ₹1,500 प्रति माह की सहायता दो वर्षों तक प्रदान की जा रही है, जब तक उन्हें रोजगार नहीं मिल जाता। AP Breaking News
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राज्य सरकार ने ‘स्किल डेवलपमेंट डिपार्टमेंट’ की स्थापना की है, जो बाजार की मांग के अनुसार युवाओं को प्रशिक्षण प्रदान करता है। The New Indian Express
निवेश और औद्योगिक विकास
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मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (FDI) को आकर्षित करने के लिए प्रयासरत है, जिससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। AP Breaking News
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उन्होंने बताया कि कांग्रेस सरकार ने संविधान में अनुच्छेद 371(J) को शामिल कर ‘कल्याण कर्नाटक’ क्षेत्र के विकास के लिए विशेष विकास बोर्ड की स्थापना की है, जिससे इस क्षेत्र में संसाधनों और अवसरों का न्यायसंगत वितरण सुनिश्चित हो सके। AP Breaking News
मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हर साल 2 करोड़ नौकरियों का वादा किया था, लेकिन पिछले दस वर्षों में 20 लाख नौकरियां भी नहीं दी गईं। The New Indian Express
कर्नाटक की यह उपलब्धि राज्य सरकार की सक्रिय नीतियों और योजनाओं का परिणाम है, जो युवाओं को रोजगार प्रदान करने और राज्य के समग्र विकास को सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने घोषणा की है कि राज्य में बेरोजगारी दर सिर्फ 2.5% है, जो देश में सबसे कम है। यह आंकड़ा केंद्रीय श्रम मंत्रालय द्वारा जारी ताजा रिपोर्ट पर आधारित है।
प्रमुख तथ्य:
✔ राष्ट्रीय औसत से काफी बेहतर:
- भारत की औसत बेरोजगारी दर (अप्रैल-जून 2024) 5.8% थी, जबकि कर्नाटक में यह सिर्फ 2.5% रही।
- दक्षिण भारत में कर्नाटक तेलंगाना (3.1%) और केरल (3.7%) से भी आगे है।
✔ रोजगार सृजन में अग्रणी:
- सिद्दारमैया ने “कर्नाटक का मॉडल” (उद्योग-हितैषी नीतियाँ, स्किल डेवलपमेंट) को इसका श्रेय दिया।
- बेंगलुरु के आईटी/स्टार्टअप हब और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर ने लाखों नौकरियाँ दी हैं।
✔ युवाओं को सबसे ज्यादा फायदा:
- 25 साल से कम उम्र के युवाओं में बेरोजगारी दर 4% से नीचे है (राष्ट्रीय औसत ~12%)।
✔ महिला रोजगार में भी बेहतरी:
- शहरी महिला रोजगार दर 18.5% (राष्ट्रीय औसत 14.7%)।
कर्नाटक सरकार की योजनाएँ:
- “करुणा योजना” – बेरोजगारों को ₹3,000 मासिक भत्ता।
- “कौशल्या मिशन” – युवाओं को फ्री स्किल ट्रेनिंग।
- उद्योगों को टैक्स छूट – नए प्लांट्स/ऑफिस खोलने पर प्रोत्साहन।
आलोचकों का नजरिया:
- BJP ने दावा किया कि आंकड़े “चुनावी प्रोपेगैंडा” हैं।
- कुछ अर्थशास्त्रियों का मानना है कि असंगठित क्षेत्र के डेटा को कम आँका गया है।
तुलनात्मक आँकड़े (Q2 2024):
राज्य | बेरोजगारी दर |
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कर्नाटक | 2.5% |
तेलंगाना | 3.1% |
गुजरात | 3.9% |
हरियाणा | 8.7% |
राष्ट्रीय औसत | 5.8% |
संदर्भ लिंक:
- श्रम मंत्रालय रिपोर्ट – labour.gov.in
- कर्नाटक सरकार योजनाएँ – karnataka.gov.in
- CMO ट्वीट – twitter.com/cmofkarnataka