“आप चुनाव आयुक्त नहीं, मुस्लिम आयुक्त थे…” – निशिकांत दुबे ने पूर्व CEC एसवाई कुरैशी पर उठाए गंभीर आरोप
मुख्य समाचार:
भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) एसवाई कुरैशी पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि वे “चुनाव आयुक्त नहीं, बल्कि मुस्लिम आयुक्त” की तरह काम करते थे। यह टिप्पणी वक्फ संशोधन अधिनियम (Waqf Amendment Act) पर बहस के दौरान सामने आई, जिसे कुरैशी ने समर्थन दिया था।
🔍 विवाद की पृष्ठभूमि:
- वक्फ संशोधन अधिनियम पर विवाद:
- इस कानून के तहत वक्फ बोर्ड को अधिक शक्तियाँ दी गई हैं, जिससे जमीनों पर दावे बढ़े हैं।
- भाजपा का आरोप: “यह अल्पसंख्यक तुष्टीकरण है और हिंदू संपत्तियों पर अतिक्रमण को बढ़ावा देता है।”
- कुरैशी का रुख:
- उन्होंने वक्फ कानूनों का समर्थन किया और कहा कि यह मुस्लिम समुदाय के हितों की रक्षा करता है।
- दुबे का जवाब: “एक पूर्व CEC का इस तरह का पक्षपातपूर्ण बयान चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल खड़ा करता है।”
⚡ राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ:
✅ भाजपा का समर्थन:
- दुबे ने कहा, “कुरैशी ने अपने कार्यकाल में मुस्लिम तुष्टीकरण की नीति अपनाई।”
- उन्होंने 2012 के असम चुनावों में कथित पक्षपात का उदाहरण दिया।
❌ विपक्ष का रुख:
- कांग्रेस ने दुबे के बयान को “सांप्रदायिक और असंवैधानिक” बताया।
- ओवैसी (AIMIM) ने कहा, “भाजपा हमेशा मुस्लिम विरोधी एजेंडा चलाती है।”
📌 महत्वपूर्ण तथ्य:
- एसवाई कुरैशी भारत के पहले मुस्लिम मुख्य चुनाव आयुक्त थे (2010-2012)।
- वक्फ बोर्ड देश की 5 लाख एकड़ से अधिक जमीन का प्रबंधन करता है।
🔗 संबंधित लिंक्स:
- वक्फ संशोधन अधिनियम की पूरी जानकारी (PRS India)
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भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने एक बार फिर विवादास्पद बयान देते हुए पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एस.वाई. कुरैशी पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा:
“आप चुनाव आयुक्त नहीं, मुस्लिम आयुक्त थे…”
यह टिप्पणी वक्फ संशोधन अधिनियम को लेकर कुरैशी की टिप्पणी के जवाब में की गई है। कुरैशी ने इससे पहले वक्फ अधिनियम पर सवाल उठाए थे, जिसे दुबे ने मुस्लिम तुष्टीकरण की राजनीति से जोड़ा।
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